Thursday, August 29, 2019

आयुर्वेदिक दोहा ।।

Ayurvedic doha..

१Ⓜ
दही मथें माखन मिले,
केसर संग मिलाय,
होठों पर लेपित करें,
रंग गुलाबी आय..
२Ⓜ
बहती यदि जो नाक हो,
बहुत बुरा हो हाल,
यूकेलिप्टिस तेल लें,
सूंघें डाल रुमाल..

३Ⓜ
अजवाइन को पीसिये ,
गाढ़ा लेप लगाय,
चर्म रोग सब दूर हो,
तन कंचन बन जाय..

४Ⓜ
अजवाइन को पीस लें ,
नीबू संग मिलाय,
फोड़ा-फुंसी दूर हों,
सभी बला टल जाय..

५Ⓜ
अजवाइन-गुड़ खाइए,
तभी बने कुछ काम,
पित्त रोग में लाभ हो,
पायेंगे आराम..

६Ⓜ
ठण्ड लगे जब आपको,
सर्दी से बेहाल,
नीबू मधु के साथ में,
अदरक पियें उबाल..

७Ⓜ
अदरक का रस लीजिए.
मधु लेवें समभाग,
नियमित सेवन जब करें,
सर्दी जाए भाग..

८Ⓜ
रोटी मक्के की भली,
खा लें यदि भरपूर,
बेहतर लीवर आपका,
टी० बी० भी हो दूर..

९Ⓜ
गाजर रस संग आँवला,
बीस औ चालिस ग्राम,
रक्तचाप हिरदय सही,
पायें सब आराम..

१०Ⓜ
शहद आंवला जूस हो,
मिश्री सब दस ग्राम,
बीस ग्राम घी साथ में,
यौवन स्थिर काम..

११Ⓜ
चिंतित होता क्यों भला,
देख बुढ़ापा रोय,
चौलाई पालक भली,
यौवन स्थिर होय..

१२Ⓜ
लाल टमाटर लीजिए,
खीरा सहित सनेह,
जूस करेला साथ हो,
दूर रहे मधुमेह..

१३Ⓜ
प्रातः संध्या पीजिए,
खाली पेट सनेह,
जामुन-गुठली पीसिये,
नहीं रहे मधुमेह..

१४Ⓜ
सात पत्र लें नीम के,
खाली पेट चबाय,
दूर करे मधुमेह को,
सब कुछ मन को भाय..

१५Ⓜ
सात फूल ले लीजिए,
सुन्दर सदाबहार,
दूर करे मधुमेह को,
जीवन में हो प्यार..

१६Ⓜ
तुलसीदल दस लीजिए,
उठकर प्रातःकाल,
सेहत सुधरे आपकी,
तन-मन मालामाल..

१७Ⓜ
थोड़ा सा गुड़ लीजिए,
दूर रहें सब रोग,
अधिक कभी मत खाइए,
चाहे मोहनभोग.

१८Ⓜ
अजवाइन और हींग लें,
लहसुन तेल पकाय,
मालिश जोड़ों की करें,
दर्द दूर हो जाय..

१९Ⓜ
ऐलोवेरा-आँवला,
करे खून में वृद्धि,
उदर व्याधियाँ दूर हों,
जीवन में हो सिद्धि..

२०Ⓜ
दस्त अगर आने लगें,
चिंतित दीखे माथ,
दालचीनि का पाउडर,
लें पानी के साथ..

२१Ⓜ
मुँह में बदबू हो अगर,
दालचीनि मुख डाल,
बने सुगन्धित मुख, महक,
दूर होय तत्काल..

२२Ⓜ
कंचन काया को कभी,
पित्त अगर दे कष्ट,
घृतकुमारि संग आँवला,
करे उसे भी नष्ट..

२३Ⓜ
बीस मिली रस आँवला,
पांच ग्राम मधु संग,
सुबह शाम में चाटिये,
बढ़े ज्योति सब दंग..

२४Ⓜ
बीस मिली रस आँवला,
हल्दी हो एक ग्राम,
सर्दी कफ तकलीफ में,
फ़ौरन हो आराम..

२५Ⓜ
नीबू बेसन जल शहद ,
मिश्रित लेप लगाय,
चेहरा सुन्दर तब बने,
बेहतर यही उपाय..

२६.Ⓜ
मधु का सेवन जो करे,
सुख पावेगा सोय,
कंठ सुरीला साथ में ,
वाणी मधुरिम होय.

२७.Ⓜ
पीता थोड़ी छाछ जो,
भोजन करके रोज,
नहीं जरूरत वैद्य की,
चेहरे पर हो ओज..

२८Ⓜ
ठण्ड अगर लग जाय जो
नहीं बने कुछ काम,
नियमित पी लें गुनगुना,
पानी दे आराम..

२९Ⓜ
कफ से पीड़ित हो अगर,
खाँसी बहुत सताय,
अजवाइन की भाप लें,
कफ तब बाहर आय..

३०Ⓜ
अजवाइन लें छाछ संग,
मात्रा पाँच गिराम,
कीट पेट के नष्ट हों,
जल्दी हो आराम..

३१Ⓜ
छाछ हींग सेंधा नमक, x
दूर करे सब रोग, जीरा
उसमें डालकर,
पियें सदा यह भोग..।

Joint Family system gone... discover new way


Joint Family system gone... discover new way- InterNetworked family (संयुक्त परिवार प्रणाली चली गई ... नए तरीके की खोज करें- इंटर नेटवर्क नेटवर्क)


In olden days we all use to live in the joint family system. There was more than one member of the family to help, share our concerns and take care of family matters. Then came the nuclear family style of living. Was it our choice? No this was necessity. We lost the benefits of joint family. Communication started initially through post office, land phones and them mobiles. We are yet to evolve a system of living in nuclear family which could make good some of the benefits of joint family.

पुराने दिनों में हम सभी संयुक्त परिवार प्रणाली में रहने के लिए उपयोग करते हैं। परिवार के एक से अधिक सदस्यों की मदद करने, हमारी चिंताओं को साझा करने और पारिवारिक मामलों की देखभाल करने के लिए एक से अधिक सदस्य थे। फिर रहने की परमाणु परिवार शैली गई। क्या यह हमारी पसंद थी? नहीं यह आवश्यकता नहीं थी। हमने संयुक्त परिवार के लाभ खो दिए। डाकघर, लैंड फोन और उन्हें मोबाइल के माध्यम से शुरू में संचार शुरू हुआ। हम अभी तक परमाणु परिवार में रहने की एक प्रणाली विकसित कर रहे हैं जिससे संयुक्त परिवार के कुछ लाभ हो सकते हैं।

Most of us using the power of internet but not as much as it could be used. We are using whatsapp to forward messages. Though some of them are useful, most of them are not. Why can’t we use the power of internet to create a joint family again.. living at different locations but connected by mind with the help of internet.
हम में से अधिकांश इंटरनेट की शक्ति का उपयोग कर रहे हैं लेकिन उतना नहीं जितना कि इसका उपयोग किया जा सके। हम व्हाट्सएप को फॉरवर्ड मैसेज का इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि उनमें से कुछ उपयोगी हैं, उनमें से ज्यादातर नहीं हैं। हम फिर से संयुक्त परिवार बनाने के लिए इंटरनेट की शक्ति का उपयोग क्यों नहीं कर सकते हैं .. विभिन्न स्थानों पर रह रहे हैं लेकिन इंटरनेट की मदद से मन से जुड़े हुए हैं।

In this changed world, we have to take help of the system Corporate world works. We also have to create a family corporation like a limited company. This family corporation can have its own Constitution, Article of Association (rules by which each family member will be governed), a common fund and so on. The family can decide it own Board of Directors which it can name anything it like say “Disha Nirdeshak Mandal” etc. The family can jointly decide the goals which it wants to attain in say 10 years from now and came formulate a strategy. It is very important to jointly decide a milestone- where the family wants to be 10 years after and break this into yearly attainable goals.
इस बदली हुई दुनिया में, हमें उस सिस्टम की मदद लेनी होगी जो कॉर्पोरेट वर्ल्ड काम करता है। हमें एक सीमित कंपनी की तरह एक पारिवारिक निगम भी बनाना होगा। इस परिवार निगम का अपना संविधान, एसोसिएशन का अनुच्छेद (जिसके द्वारा प्रत्येक परिवार के सदस्य को शासित किया जाएगा), एक सामान्य निधि और इतने पर हो सकता है। परिवार इसे खुद का निदेशक मंडल तय कर सकता है, जिसे वह कुछ भी नाम दे सकता है जैसे "दिशा निर्देशक मंडल" आदि। परिवार संयुक्त रूप से उन लक्ष्यों को तय कर सकता है जो वह अब से 10 साल बाद कहना चाहता है और एक रणनीति तैयार करता है। संयुक्त रूप से एक मील का पत्थर तय करना बहुत महत्वपूर्ण है- जहां परिवार 10 साल बाद बनना चाहता है और इसे वार्षिक प्राप्य लक्ष्यों में तोड़ देता है।

A very important thing is, learning to live with differences. If there are more than members in the family, there will be differences. We have to allow differences to coexist. We can have differences and still maintain cordial relationships. Differences are imminent, we have to learn the art of enjoying relationships with those members of the family also who differ from us in many ways. Differences in short term taste bitter but in long term they are very beneficial. Looking at the long-term benefits of the differences, we should start welcoming differences in family. We all have to make efforts that our differences on whatever cause should not create bitterness in relationships. We have to treat the family group like a company where the board of directors’ fight over differences in the boardroom but enjoy lunch/dinner outside boardroom together. Keep bigger goal of progress of the family in mind.
एक बहुत महत्वपूर्ण बात है, मतभेदों के साथ जीना सीखना। यदि परिवार में सदस्यों से अधिक हैं, तो मतभेद होंगे। हमें मतभेदों को सह-अस्तित्व की अनुमति देनी होगी। हमारे बीच मतभेद हो सकते हैं और अभी भी सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रख सकते हैं। मतभेद आसन्न हैं, हमें परिवार के उन सदस्यों के साथ संबंधों का आनंद लेने की कला भी सीखनी होगी जो कई मायनों में हमसे अलग हैं। शॉर्ट टर्म में अंतर कड़वा होता है लेकिन लंबे समय में ये बहुत फायदेमंद होते हैं। मतभेदों के दीर्घकालिक लाभों को देखते हुए, हमें परिवार में मतभेदों का स्वागत करना शुरू करना चाहिए। हम सभी को प्रयास करना होगा कि जो भी कारण हैं उन पर हमारे मतभेद रिश्तों में कड़वाहट पैदा करें। हमें एक समूह की तरह परिवार समूह के साथ व्यवहार करना होगा जहां निदेशक मंडल बोर्ड के मतभेदों पर लड़ाई करता है लेकिन बोर्डिंग के बाहर लंच / डिनर का आनंद एक साथ लेता है। परिवार की प्रगति का बड़ा लक्ष्य ध्यान में रखें।

Another important point is “creating a common corpus”. Differences amongst family members creep up most of the time on money matters. A good money management of the family could be by way of creating common family fund and appointing a finance director annually. Account maintenance of the common family fund is also very important. Appoint a junior member of the family as accountant for the family fund and fix his/her remuneration handsomely to encourage that person.
एक और महत्वपूर्ण बिंदु "एक सामान्य कॉर्पस बनाना" है। परिवार के सदस्यों के बीच मतभेद पैसे के मामलों पर ज्यादातर समय रेंगते हैं। परिवार का एक अच्छा पैसा प्रबंधन आम परिवार फंड बनाने और एक वित्त निदेशक को सालाना नियुक्त करने के माध्यम से हो सकता है। आम परिवार के फंड का खाता रखरखाव भी बहुत महत्वपूर्ण है। परिवार के कनिष्ठ सदस्य को परिवार के फंड के लिए लेखाकार के रूप में नियुक्त करें और उस व्यक्ति को प्रोत्साहित करने के लिए उसके पारिश्रमिक को अच्छी तरह से निर्धारित करें।

I am sure if elders in the family take a lead to create this type of family set-up, we can again enjoy the benefits of “Joint Family”.
मुझे यकीन है कि अगर परिवार में बुजुर्ग इस प्रकार के परिवार को स्थापित करने के लिए नेतृत्व करते हैं, तो हम फिर से "संयुक्त परिवार" के लाभों का आनंद ले सकते हैं।

Try and share your experiences with me. I will be waiting for your feedback.
कोशिश करें और अपने अनुभव मेरे साथ साझा करें। मुझे आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा रहेगी।

Yours..
आपका अपना..



Friday, November 21, 2014

🎀🎀 Health Tips – 20 🎀🎀
🏡 Home Remedies for Good Health 💪
1. Having 🍊 pomegranate’s juice daily is good for 💗 heart and useful for people suffering from 😔 low Blood Pressure (Hypotension)

2. One natural treatment for acidity is chewing a few 🌿 Basil (tulsi) leaves after a 🍴 meal. This not just works as an antacid as it helps the body absorb food but also prevents reflux and the formation of ulcers.

3. Sucking a piece of Clove after meal helps in reducing 💥 acidity problem.

4. A flake of 🌰 garlic swallowed with water taken empty stomach daily in the morning can be helpful in solving many stomach & 💭 gastric problems.

5. 😨 Headache caused by summer ☀ heat is cured by consuming 🍉 watermelon juice. Just one glass a day works wonders…

6. Eating an 🍎 Apple on an empty stomach in the morning relieves one of 😰 migraine pain. This must be done for a few mornings.

7. Open 6 dates and boil in 1/2 liter of 🍼 milk for 25 minutes over low heat. Drink three cups a day. This is ultimate dry cough remedy.

8. Mix 2 teaspoons of 🍶 honey with equal quantity of ginger juice. The concoction helps to expectorate mucus, providing relief for the 😪 common cold, coughs and sore throat.

9. Eat before breakfast half cup of cooked beets if you suffer from chronic 😬 constipation or indigestion.

10. Unani cough syrup at home. Peel and chop six medium 🌰 onions. Put the pieces in a container and add four tablespoons of 🍶 honey. Cover and leave them in a water bath over low heat for two hours. Strain and take one tablespoon every three hours.

11. Grated cucumber applied over the face, eyes and neck for fifteen minutes is very much beneficial for acne and blackheads.

12. A simple remedy for Anemia or iron deficiency – Pound 3-4 soft dates with milk and add a little ghee in it. Eating this mixture will help to prevent Anemia.

13. Home Remedy to Cure Dark Circles-  🍅 Tomato paste is one of the most effective remedies for dark circles. You can make it easily at home. Take one or two fresh tomatoes, one t
ablespoon of 🍹lemon juice and a pinch of gram flour and turmeric powder. Blend these ingredients nicely until they become a thick paste and apply it very gently around your eyes. Rinse it off gently with clean water after 10 or 20 minutes. Repeating this process twice or thrice every week will make your skin tone around your eyes lighter and will eventually make your dark circles go away completely.

14. Best natural remedy for 😫 sore throat is to gargle with turmeric and salt.
Mix: ½ cup of warm water ½ tsp salt ¼ tsp powdered turmeric After you gargle, don’t drink or eat anything for at least ½ hr for the salt and turmeric to do their job of killing bacteria. You can repeat this as often as you need throughout the day.

15. A 💧 drop garlic juice into your 👂ear helps to relieve the pain of an ear infection.

16. A mixture of baking 🍚 soda and 🍋 lemon juice applied underarms will reduce body odor.

17. Add a few 🍯 fennel seeds in a pot of hot water, and then boil it for five minutes on a low temperature.
Strain the solution and then drink it.
You can also chew the fresh fennel 🍃 leafy plants if you can bear the taste.
Else you can take a mixture of fennel, cardamom and mint leaves and boil them in water to make a concoction that can help during stomach gas.
This is very effective Home Remedy for Gas and Bloating:

18. 🍋 Lemon is one of the richest sources of Vitamin C on the planet and it also contains nutrients like Vitamin B, riboflavin, phosphorus, magnesium, and calcium. Lemon juice with warm 💦 water can also help eliminate waste in your system and serve as a Liver tonic.
Daily intake of lemon water has several health benefits:
It keeps your stomach healthy;
acts as cure for nausea, heartburn, indigestion, high blood pressure, stress, and depression.

19. When you suffer from a 😰 hangover, a 🍌 banana 🍼 milkshake with 🍶 honey can give you immense relief.
🍼 Cold milk soothes the stomach lining and bananas with honey build up depleted blood sugar levels.

Tuesday, May 21, 2013

The place I spent my childhood

Please visit the following site and enjoy the magnificent architecture, excellent art work combined with devotional feeling of Radha Krishna. Incidentally this is the beautiful place I grew up and spent my childhood. Looks like time has not been able to change much over there. 
Please don't forget to visit "Gallery" and "Architecture" sections of the site where you can enjoy beautiful artwork of the temple:

http://shahjitemple.org/

If you wish, you can also share your memories with me.
Best Wishes,
Atul

Saturday, February 16, 2013

सुहास गोपीनाथ, YOUNGEST CEO (Inspiring Story)


World's Youngest CEO
Suhas Gopinath
आज से करीब दस-बारह साल पहले जब सुहास ने Globals Inc की foundation डाली थी तो वो महज चौदह वर्ष के थे,और तब उन्हें खुद ही नहीं पता था कि वो दुनिया के सबसे कम उम्र के CEO बन गए हैं. और ये काम उन्होंने किसी आलिशान office में बैठ के नहीं बल्कि Banglore के एक छोटे से Cyber-Cafe में बैठ कर किया था.
आज Globals Inc एक multi-million dollar company है और इसके operations USA, UK, Spain, Australia, इत्यादि देशों में फैले हुए हैं. मात्र पच्चीस वर्ष की अवस्था में, जब जादातर लोग अपनी पढाई पूरी करने में ही लगे होते हैं; तभी Suhas Gopinath ने अनेकों उपलब्धियां हांसिल कर रखी है –
  • वो World Bank की ICT Advisory Council के BOARD MEMBER हैं
  • साल 2007 में उन्हें European Parliament and International Association for Human Values ने “Young Achiever Award से सम्मानित किया.
  • World Economic Forum. ने उन्हें ‘Young Global Leaders’for 2008-09 के सम्मान से भी नवाजा.
  • वो World Economic Forum हे अब तक के सबसे young member भी हैं.
क्या बात है!!!
आइये उन्ही की जुबान से जानते हैं उनकी कहानी:
सुहस का बचपन:
मैं एक माध्यम-वर्गीय परिवार से belong करता हूँ . मेरे पिता Indian Army में बतौर Scientist काम करते थे. और मैं Banglore के Airforce School में पढता था. बचपन में मेरा interest animal और vetrinary science में था . लेकिन जब मैंने अपने दोस्तों जिनके पास PC था; को कंप्यूटर के बारे में बात करते सुनता था तो मेरे अंदर भी एक चाहत उत्पन्न हुई की मैं भी उनकी तरह बात करू.
उस वक्त हमारे घर पे computer नहीं था और न ही हम उसे afford कर सकते थे. इसलिए मैंने अपने घर के नजदीक ही एक Internet Cafe find किया, तब मुझे हर महीने सिर्फ 15 रूपए बतौर pocket money मिलते थे, इतने पैसों में रोज internet नहीं surf किया जा सकता था. लेकिन मैंने इस दूकान के बारे में एक चीज notice की थी, ये हर रोज दोपहर में 1 बजे से 4 बजे तक बंद रहती थी. मैंने दुकानदार को एक offer दिया कि school के बाद 1 बजे से 4 बजे तक मैं आपकी दूकान खोलूँगा और customers का ध्यान रखूंगा. बदले में आप मुझे free में net surf करने देंगे. ये मेरी life की पहली business deal थी, और ये काफी सफल साबित हुई.
Website बनाने की दीवानगी:
अब मेरे पास कंप्यूटर और Internet दोनों था ..धीरे-धीरे मैंने website बनाना शुरू कर दिया. और कुछ ही समय में ये मेरा passion बन गया. Internet पे कुछ freelance marketplace होते हैं जहाँ मैं एक website-builder के रूप में registerहो गया. मुझे पहली वेबसाइट free of cost बनानी पड़ी क्योंकि मेरे पास references नहीं थे. ये New York के एक कंपनी की वेबसाइट थी. मेरी पहली कमी $100 की थी जो मुझे एक अन्य website बनाने पे मिली, तब मैं 13 वर्ष का था. चूँकि मेरा कोई bank account नहीं था इसलिए मैंने अपने पापा को इस बारे में बताया.
मैं पैसे को ले के जरा भी excited नहीं था. क्योंकि मई ये काम पैसे के लिए नहीं, अपने passion के लिए करता था. मैं free में भी वेबसाइट बनाता था, तब मैं नौवीं कक्षा का ही छात्र था. उसके बाद मैंने coolhindustan.com नाम का एक पोर्टल बनाया. जो NRIs पे focussed था. मैं इस पोर्टल के माध्यम से अपनी skills दिखाना चाहता था. उसके बाद तो कई कम्पनिया मुझे अपना web-designer बनाने के लिए approach करने लगीं.
जब अपना पहला computer खरीदा:
जब मैं 9th class में था तभी मैंने computer खरीदने के लिहाज से काफी पैसे जमा कर लिये थे. उस समय मेरा भाई Engineering कर रहा था , पापा ने सोचा उसे कंप्यूटर की ज़रूरत है और उसके लिए कंप्यूटर खरीद दिया, कुछ ही समय में मैंने भी एक कंप्यूटर खरीद लिया. पर मेरे घर पे net-connection नहीं था. Net-cafe में जादा समय देने से मेरी पढाई भी प्रभावित हुई. मैंने 9th के बाद अपनी सारी summer vacation cafe में काम करते हुए बिताई.
जब US से job-offer मिला :
जब मैं चौदह साल का था तब US की एक कंपनी NetworkSolutions से मुझे part -time job का offer मिला, वो US में मेरी education भी sponsor करने को तैयार थे . पर मैंने वो offer reject कर दिया क्योंकि उसी दौरान मैंने Bill Gates के बारे में पढ़ा था किउन्होंने कैसे Microsoft कि शुरुआत की थी.
मैंने सोचा अपनी कंपनी शुरू करने में जादा मजा है. US की कई कंपनियां मुझसे कहती थीं कि मेरी तो मूंछ भी नहीं है और वो मेरी services लेने में insecure feel करती हैं. वो मेरी ability को मेरी उम्र और qualification से जोड़कर देखती थीं.इसलिए मैंने अपनी कंपनी शुरू करने कि सोची ताकि मैं दुनिया को दिखा सकूं कि age और academic qualification मायने नहीं रखते हैं. मैंने निश्चय किया कि जब मैं अपनी कंपनी start करूँगा तो मैं सिर्फ youngsters को लूँगा और उनसे उनकी academic qualification या marks के बारे में नहीं पूछूँगा. आज मैं इस चीज को अपनी कंपनी में follow करता हूँ.
जब चौदह साल की उम्र में अपनी company start की :
Class 9th की छुट्टियाँ खतम होने के कुछ दिन बाद ही मैंने अपनी कंपनी Globals Inc. की शुरुआत की. मैं कंपनी का नाम Global या Global Solutions रखना चाहता था, पर दोनों ही नाम available नहीं थे, इसलिए मैंने Globals नाम रख लिया.
मैंने अपनी कंपनी US में register कराइ क्योंकि India में आप 18 वर्ष से कम उम्र में कंपनी नहीं डाल सकते. US में कंपनी शुरू करने में बस 15 minute लगते हैं. मैं company का owner और CEO बन गया, मेरा एक दोस्त जो अमेरिका की एकUniversity का छात्र था board member बन गया. मैं काफी excited था क्योंकि यही तो मैं करना चाहता था. उस दिन से मैं अपनी कंपनी को Microsoft के जितना बड़ा बनाने का ख्वाब देखेने लगा.
पहले साल में Globals Inc का turn-over Rs. 1 lac था ,जो दुसरे साल में बढ़कर Rs. 5 Lac हो गया.
स्कूल में अच्छा ना करने पर:
अपने pre-board CBSE exam में मैं Mathematics में fail हो गया. स्कूल की हेड-मिस्ट्रेस shocked हो गयीं,क्योंकि पहली बार मैं किसी subject में fail हुआ था. उन्होंने मेरी माँ को बुलाया और मेरी शिकायत की. घर पे माँ ने मुझसे कसम ली की मैं पढाई पे ध्यान दूँगा. मैंने अपनी माँ से कहा कि जब दुनिया के सबसे अमीर आदमी ,Bill Gates ने अपनी पढाई पूरी नहीं की तो आप मुझे पढाई के लिए force क्यों करती हैं? तब उन्होंने कहा कि मैं sure हूँ कि तुम्हारी और उसकी कुंडली एक जैसी नहीं हैं.
मैं एक ऐसे परिवार से हूँ जहाँ entrepreneurship को पाप समझा जाता है. मेरी माँ काफी upset थीं , वो चाहती थीं कि मैं पहले Engineering और फिर MBA करके किसी अच्छी कंपनी में काम करूं. अपनी माँ कि इच्छाओं का ख़याल रखते हुए मैंने चार महीने तक अपनी कंपनी के लिए कोई काम नहीं किया और board exams की तयारी में जुट गया . मैंने परीक्षाएं first class में पास की.
मैं अभी भी feel करता हूँ कि सिर्फ bookish knowledge से कुछ नहीं होता ,practical knowledge बहुत जरूरी है.
Europe बतौर एक Market:
जब मैं 16-17 साल का था तब तक मैंने अपनी कंपनी के बारे मैं घर मैं किसी को कुछ नहीं बताया था, वो येही समझते थे कि मैं एक freelancer हूँ . हम लोग वेबसाइट बनाना , online-shopping , e-commerce से related काम करते थे . कभी कभी हम US में part-time programmers को भी काम देते थे, पर अभी तक हमारा कोई ऑफिस नहीं था. जब मैं सोलह साल का था तब मैंने महसूस किया कि Europe में काफी opportunities हैं क्योंकि जादातर भारतीय IT companies US पे ही focus कर रहीं थीं. जब मैंने Spain कि एक कंपनी को contact किया तब उन्होंने हमारे साथ ये कहते हुए काम करें से मना कर दिया कि Indians को Spanish नहीं आती.
एक entrepreneur rejection नहीं स्वीकार कर सकता खासतौर पे जब वो young हो. मैंने Spanish Universities से पांच interns को hire किया और उन्हें उनके successful sales के हिसाब से pay करने को कहा. इन लोगों ने हमारी कंपनी के लिए projects लाये . तब मैंने decide किया कि Spain में हमारा एक office होना चाहिए.ठीक ऐसा ही मैंने Italy में भी किया.
जब Germany में Entrepreneurship पर बात करने गए :
American news-paper और BBC मेरे बारे में काफी कुछ बता रहे थे “World’s youngest CEO at 14 from a middle class background” मैंने कभी lime-light में आने के बारे में नहीं सोचा था, मेरे लिए तो एक कंपनी स्टार्ट करना मेरे passion का हिस्सा था. ये सब देख कर Germany के एक B-School ने मुझे entrepreneurship पर अपने स्टुडेंट्स से बात करने के लिए invite किया. तब मैं 17 साल का था , मैंने अपनी बारहवीं कि पढाई पूरी कर ली थी और बेंगलुरु के एक Engineering College में दाखिला ले लिया था. जब मैं 18 साल का था तब मैंने अपनी कंपनी का Europeanhead-quarter, Bonn में set-up कर दिया.
इस तरह से हमने एक छोटे से Internet Cafe से एक multi-national company तक का सफर तय किया जिसके operations आज Europe, Middle East, the US, Canada, the UK, Australia,आदि जगहों पर फैले हुए हैं.
Suhas Gopinath With Bill Gates
जब 18 साल में भारत में कंपनी register की :
जिस दिन मैं अठारह साल का हुआ उसी दिन मैंने अपनी कंपनी को भारत में Globals नाम से register कर लिया और चार लोगों को recruit कर लिया. मैंने अपना ऑफिस उसी cafe के बगल में खोला जहाँ से मैंने अपने career की शुरुआत की थी. अब तक वो cafe बंद हो चूका था और उसका मालिक किसी फैक्ट्री में काम करने लगा था. वो जब ही मुझे मिलता मै उससे येही कहता कि “ आपने मुझे तो entrepreneur बना दिया पर खुद एक नौकरी कर ली”
कंपनी को एक Products company बनाने पर:
हम अपनी कंपनी को एक products company भी बनाना चाहते थे और हमारा focus education पर था. हमने एक ऐसा software बनाया है जो बच्चे के स्कूल में दाखिले से लेकर उसके निकलने तक उसकी सारी जानकारी रखे.हम इस क्षेत्र में market leader बनाना चाहते हैं. आज हमारा ये सॉफ्टवेर India, Singapore और Middle-East के सौ से जादा विद्यालयों में use हो रहा है.
जब Ex-President डा. अब्दुल कलाम से मुलाक़ात हुई:
Suhas with Dr. APJ Abdul Kalam
जब मैं Dr.  Abdul Kalam से मिला तब वो भारत के राष्ट्रपति थे. तब मैं 17-18 साल का था . वो meeting 15 min की होनी थी लेकिन हमारा conversation इतना intense था कि हमारी मुलाक़ात देढ घंटे तक चली. मुझे लगा ही नहीं कि मैं President of India से बात कर रहा हूँ. हम लोगों ने दो दोस्तों की तरह बात की. वो पहले टेबल की दूसरी ओर बैठे थे ,फिर बाद में मेरी बगल में आ के बैठ गए.यह मेरे लिए एक बड़ा ही यादगार और अच्छा learning experience था.
2005 में World Bank का board-member बनने पर:
अपनी parents की इच्छानुसार मैंने engineering में दाखिला तो ले लिया पर Bill Gates की तरह उसे complete नहीं कर पाया. जब मैं 5th Semester था, तब World Bank ने मुझे उनकी board meeting attend करने के लिए invite किया. उस board में मैं ही एक Indian था . इसका objective था कि emerging economies में किस तरह ICT का प्रयोग करके quality of education को improve किया जाय. Mr. Robert Zoellick , the President of World Bank सिर्फ Americans को बोर्ड में नहीं चाहते थे, वो और भी देशों से members चाहते थे. और चूँकि वो education पे focus कर रहे थे इसलिए वो young minds को इसमें include करना चाहते थे.
मैंने तो कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं कभी Worls Bank का Board Member बनूँगा. ये मेरी जिंदगी का सबसे unforgettable moment था.मुझे direct Robert B Zoellick को report करना था. CEO of Cisco, VP of Microsoft ,CEO of SAP, etc भी इस बोर्ड के मेम्बर थे.
अपनी कंपनी के future पर :
मैंने हमेशा येही माना है कि IT महज एक technology नहीं है बल्कि problems solve करने का एक tool है. और मैं येही इसcompany में करना चाहता हूँ . मैं चाहता हूँ कि Globals, educations से related software solutions provide करने में market-leader हो.
जब मैं छोटा था तब मैं पैसों के बारे में जादा care नहीं करता था , लेकिन अब मैं अपने employees के लिए उत्तरदायी हूँ ,अगर मैं पैसों के बारे में न सोचूं तो हम scale-up नहीं कर पायेंगे. जब मैंने बेंगलुरु के एक cafe से कंपनी शुरू कि थी तब मैंने सोचा भी नहीं था कि एक दिन ये multi-million dollar कंपनी बन जायेगी . मेरा driving force मेरा passion है और अभी तक का सफर काफी amazing रहा है.
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Wednesday, February 13, 2013

Hum Krodh Me Chillate Kyon He


एक हिन्दू सन्यासी अपने शिष्यों के साथ गंगा नदी के तट पर नहाने पहुंचा. वहां एक ही परिवार के कुछ लोग अचानक आपस में बात करते-करते एक दूसरे पर क्रोधित हो उठे और जोर-जोर से चिल्लाने लगे .
संयासी यह देख तुरंत पलटा और अपने शिष्यों से पुछा ;
” क्रोध में लोग एक दूसरे पर चिल्लाते क्यों हैं ?’
शिष्य कुछ देर सोचते रहे ,एक ने उत्तर दिया, ” क्योंकि हम क्रोध में शांति खो देते हैं इसलिए !”
” पर जब दूसरा व्यक्ति हमारे सामने ही खड़ा है तो भला उस पर चिल्लाने की क्या ज़रुरत है , जो कहना है वो आप धीमी आवाज़ में भी तो कह सकते हैं “, सन्यासी ने पुनः प्रश्न किया .
कुछ और शिष्यों ने भी उत्तर देने का प्रयास किया  पर बाकी लोग संतुष्ट नहीं हुए .
अंततः सन्यासी ने समझाया …
“जब दो लोग आपस में  नाराज होते हैं तो उनके दिल एक दूसरे से  बहुत दूर हो जाते हैं . और इस अवस्था में वे एक दूसरे को बिना चिल्लाये नहीं सुन सकते ….वे जितना अधिक क्रोधित होंगे उनके बीच की दूरी उतनी ही अधिक हो जाएगी और उन्हें उतनी ही तेजी से चिल्लाना पड़ेगा.
क्या होता है जब दो लोग प्रेम में होते हैं ? तब वे चिल्लाते नहीं बल्कि धीरे-धीरे बात करते हैं , क्योंकि उनके दिल करीब होते हैं , उनके बीच की दूरी नाम मात्र की रह जाती है.”
सन्यासी ने बोलना जारी रखा ,” और जब वे एक दूसरे को हद से भी अधिक चाहने लगते हैं तो क्या होता है ? तब वे बोलते भी नहीं , वे सिर्फ एक दूसरे की तरफ देखते हैं और सामने वाले की बात समझ जाते हैं.”
“प्रिय शिष्यों ; जब तुम किसी से बात करो तो ये ध्यान रखो की तुम्हारे ह्रदय आपस में दूर न होने पाएं , तुम ऐसे शब्द मत बोलो जिससे तुम्हारे बीच की दूरी बढे नहीं तो एक समय ऐसा आएगा कि ये दूरी इतनी अधिक बढ़ जाएगी कि तुम्हे लौटने का रास्ता भी नहीं मिलेगा. इसलिए चर्चा करो, बात करो लेकिन चिल्लाओ मत.”
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Note: The moral story shared here is not my original creation, I read/heard  this story earlier and am providing a modified Hindi version of the same.